Monday, October 31, 2011

उसे होश ना था



वो पेड़ के नीचे
उसके इंतज़ार में
खडी थी
बारिश ने
उसे पूरी तरह
भिगो दिया था
आँखों में
निरंतर
उस से मिलने की
बेकरारी थी
दिल में ख्याल सिर्फ
उसका था
सौन्दर्य कपड़ों से
बाहर झाँक रहा था
हर आने जाने वाला
उसे घूर रहा था
प्यार की बारिश के
ख्याल में
लाज शर्म का बोध
ना था
उसे होश ना था
31-10-2011
1731-138-10-11

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