वो पेड़ के नीचे
उसके इंतज़ार में
खडी थी
बारिश ने
उसे पूरी तरह
भिगो दिया था
आँखों में
निरंतर
उस से मिलने की
बेकरारी थी
दिल में ख्याल सिर्फ
उसका था
सौन्दर्य कपड़ों से
बाहर झाँक रहा था
हर आने जाने वाला
उसे घूर रहा था
प्यार की बारिश के
ख्याल में
लाज शर्म का बोध
ना था
उसे होश ना था
31-10-2011
1731-138-10-11
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