Wednesday, October 5, 2011

यादों के सहारे


अपनी
यादों के सहारे ,
तेरी तस्वीर बना
रहा हूँ
लाख कोशिशों के
बाद भी
चंद लकीरों से आगे
नहीं बढ़ पा रहा हूँ
ये मेरा भ्रम तो नहीं
ख़्वाबों में
तुझे देखा ही नहीं
तुमने कभी मेरी तरफ
रुख करा ही नहीं
दिल में छुपा दर्द
मिटाने को
निरंतर दिन में भी
ख्वाब देख रहा हूँ
05-10-2011
1613-21-10-11

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