दुनिया के बाज़ार में
हर माल मिलता
इज्ज़त से ईमान तक
निरंतर हर चीज़ का
सौदा होता
खरीददार भी मिलता
बेचने वाला भी मिलता
गर बिकता नहीं
तो सिर्फ
माँ का प्यार नहीं बिकता
बिना धन दौलत
हर इंसान को मुफ्त में
मिलता
किस्मत वाला प्यार का
जवाब प्यार से देता
बदकिस्मत इस की
कीमत नहीं समझता
उसका
फैसला खुदा करता
उसके कुफ्र को सहना
पड़ता
14-10-2011
1652-60-10-11
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