बापू तुम्हारे नाम पर
कैसे नाटक हो रहे हैं
जुबान वाले गूंगे हो गए
बेजुबान बोल रहे हैं
देश के लोग रो रहे हैं
नाम के आगे गांधी
लगाकर
लोग राज कर रहे हैं
अब तुमसे भी बड़े
हो गए हैं
लूट घोटाले आम हो गए
सफ़ेद कपड़ों में चोर
घुस गए
गरीब निरंतर गरीब
हो रहे हैं
रक्षक भक्षक बन गए हैं
धर्म,ईमान पीछे रह गए
सीख तुम्हारी भूल गए
चोर साहूकार एक
हो गए हैं
बापू तुम्हारे नाम पर
कैसे नाटक हो रहे हैं ?
कैसे नाटक हो रहे हैं
जुबान वाले गूंगे हो गए
बेजुबान बोल रहे हैं
देश के लोग रो रहे हैं
नाम के आगे गांधी
लगाकर
लोग राज कर रहे हैं
अब तुमसे भी बड़े
हो गए हैं
लूट घोटाले आम हो गए
सफ़ेद कपड़ों में चोर
घुस गए
गरीब निरंतर गरीब
हो रहे हैं
रक्षक भक्षक बन गए हैं
धर्म,ईमान पीछे रह गए
सीख तुम्हारी भूल गए
चोर साहूकार एक
हो गए हैं
बापू तुम्हारे नाम पर
कैसे नाटक हो रहे हैं ?
02-10-2011
1596-05-10-11
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