Monday, October 3, 2011

बापू तुम्हारे नाम पर कैसे नाटक हो रहे हैं

बापू तुम्हारे नाम पर 
कैसे नाटक हो रहे हैं 
जुबान वाले गूंगे हो गए  
बेजुबान बोल रहे हैं 
देश के लोग रो रहे हैं
नाम के आगे गांधी 
लगाकर 
लोग राज कर रहे हैं 
अब तुमसे भी बड़े 
हो गए हैं 
लूट घोटाले आम हो गए
सफ़ेद कपड़ों में चोर 
घुस गए
गरीब निरंतर गरीब 
हो रहे हैं  
रक्षक भक्षक बन गए हैं 
धर्म,ईमान पीछे रह गए 
सीख तुम्हारी भूल गए 
चोर साहूकार एक 
हो गए हैं
बापू तुम्हारे नाम पर 
कैसे नाटक हो रहे हैं ?
02-10-2011
1596-05-10-11 

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