Thursday, February 10, 2011

दबा रखा है,मन में उठते तूफानों को

244—01-11

दबा रखा है
मन में उठते तूफानों को
खामोश कर रखा
दिल की धडकनों को
ना तारीफ़ में तेरी
मुंह खोलता
ना दिल में कोई
गिला रखता
खामोशी से सब
सहता
चुप रह कर तुझे
देखता
सलामत तुझे रखे
नूर तेरा बनाए रखे
निरंतर दुआ खुदा से
करता
10-02-2011

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