Monday, February 21, 2011

साहिल को किनारा मिल गया लगता


299—02-11
दिल तेरी
आँखों में खो गया
खुद को भूल गया
समंदर में डूबा लगता
जितना डूबता
उतना सुकून मिलता
निरंतर गहराई में
जाने को मन करता
मुकाम हासिल 
हो गया दिखता 
साहिल को
किनारा मिल गया
लगता
21-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

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