Thursday, February 24, 2011

दामन मेरा दर्द से भरा,तेरे दर्द मुझे दे दे


Udaipur
317—02-11 
 
दामन 
मेरा दर्द से भरा
तेरे दर्द मुझे दे दे
कम से कम तूं तो 
सुकून से रह ले
तुझे आदत नहीं दर्द
सहने की
ग़मों से लड़ने की
मरहम मुझे लगाने दे
तेरे जख्मों को ठीक
करने दे
जो मुझे ना मिला
तुझे दे दूं
जो ज़माने ने किया
मेरे साथ 
तेरे साथ ना होने दूं
नफरत का सिला
मोहब्बत से दे दूं
निरंतर 
प्यार किया मैंने 
अब प्यार करना
कैसे छोड़ दूं
24-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

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