Monday, February 21, 2011

मोहब्बत की आग दिलों को जलाए,चिता की आग इंसान को राख बनाए

293—02-11

संसार में अग्नी
देवता कहलाए
हवन की
अग्नी पवित्र मानी जाए
मोहब्बत की
आग दिलों को जलाए
चिता की आग
इंसान को राख बनाए
चूल्हे की अग्नी
पेट की भूख मिटाए
आग
दिए की रोशनी फैलाए
नफरत की आग
भाई-भाई को दुश्मन बनाए
क्रोध की
अग्नी हैवान बनाए
ज़मीन पर फैले तो
होली इंसानों की जलाए
मजहब की अग्नी से
खुदा भी घबराए
जहन में
आग फितरत की बढाए
सूर्य की अग्नी
ताप धरती का बढाए
आजादी की आग बीज
क्रांती के बोए
21-02-2011

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