Thursday, February 24, 2011

आग इश्क की बुझेगी,या ख्यालों की किश्ती चलती रहेगी


319—02-11 
इक धड़कन
सीने में छुपा रखी है
हसरत दिल की दबा रखी है
उम्मीदों की
फेहरिश्त बना रखी है
ज़िन्दगी दाव पर लगा रखी है
कैसे मेरी चाहत की खबर
उन्हें होगी
कब हाल -ऐ-दिल समझेंगी
रज़ा उनकी मिलेगी
निरंतर उठ रही लहेरें थमेंगी
आग इश्क की बुझेगी
या ख्यालों की
किश्ती चलती रहेगी
किनारे से दूर रहेगी
ज़िन्दगी अकेले कटेगी
24-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

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