Friday, February 25, 2011

अंदाज़ उनका बड़ा निराला समझ ना सके,कोई दिल का मारा


Udaipur
320—02-11 


उनका बड़ा निराला
पानी से भरे
बादल सा होता
गरजता,
मगर कभी ना बरसता
समझ ना सकता
कोई दिल का मारा
रोज़ बात
मिलने की करते
मिलने पर
लब ना खोलते
नाम पर आहें भरते
देखते तो नज़रें
ना मिलाते
ना मरने देते, 
ना जीने देते
निरंतर
यूँ ही सताते
 
24-02-2011

डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

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