Sunday, February 20, 2011

कोई उन्हें कातिल कहता,दिल उनका खुश होता


286—02-11


मिजाज़
उनका आशिकाना
अंदाज़ कातिलाना
चेहरा मुस्काराहट भरा
कमसिन भोला भाला
जुबां मिठास का खज़ाना
बोसा ज़हर से भरा
चूम लें तो फौत होता
दिल देने वाला
मोहब्बत के दीवानों को
अपनी अदाओं से लुभाया
निरंतर जाल में अपने 
फंसाया
आशिक उन्हें शिकार 
लगता
ज़न्नत बहुत को पहुंचाया
हर शिकार के बाद चेहरे
पर सुकून होता
नए शिकार की तलाश का
आगाज़ होता
कोई उन्हें कातिल
कहता
दिल उनका खुश
होता
20-02-2011

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