Saturday, February 19, 2011

दिल की आग कभी ना बुझती,निरंतर दिलों में गम भरती

 
281—02-11

ये कैसी
अजीब बस्ती है
हर तरफ आशिकी
दिलों में आग लगी
हीर रांझों से भरी
उम्मीद किसी की
पूरी ना होती
दिल की आग कभी
ना बुझती
निरंतर
दिलों में गम भरती
फिर भी चलती रहती
रोज़ एक नए
हीर रांझा की जोड़ी
पैदा होती
19-02-2011   

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