Sunday, February 27, 2011

ये क्या कम था,तुमने मुझे पहचान लिया


Udaipur
326—02-11


मैं भीड़ में खडा
बिलकुल अकेला
खामोशी से तुम्हें देख रहा
पुराने वक़्त को याद कर रहा
निरंतर साथ बिताया हर लम्हा
जहन में आ रहा
हर तरफ जलवा तुम्हारा
चाहने वालों ने तुम्हें घेरा
तुमने सब को छोड़ा
मुस्करा कर हाल मेरा पूंछा
सब खोने के बाद भी
सब पास होने का अहसास दिया
दिल का गुबार ख़त्म हुआ
ये क्या कम था
तुमने मुझे पहचान
लिया
 27-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

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