Saturday, October 1, 2011

दिल में रखता हूँ

मैं आकाश नहीं हूँ 
जो सारे जहां को
अपनी बाहों में समेट लूं
समुद्र भी नहीं हूँ पानी
में नयी दुनिया बसा लूं
बड़े दिल का छोटा
इंसान हूँ
ना रंजिश
ना नफरत किसी से
दिल का दरवाज़ा
निरंतर खुला रखता हूँ
जो भी प्यार से आ जाए
जब तक चाहे
दिल में रखता हूँ 
30-09-2011
1588-159-09-11

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