Tuesday, February 8, 2011

कब तक बातों से बहलाओगे

213--02-11

कब तक
बातों से बहलाओगे
निरंतर वक़्त यूँ ही
गुजारोगे
अब तकल्लुफ ना करो
हकीकत ज़ाहिर करो
अब और ना तडपाओ
जो है मन में ज़ाहिर
करो
और इंतज़ार ना कराओ
या हाँ करो या ना करो
05-02-2011

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