206--02-11
मास्टरजी ने
गलत उच्चारण किया
वाक्य का मायना
बदल गया
छात्रों ने ठहाका लगाया
वो कक्षा के बाहर खडा
मित्र से मिलने का
इंतज़ार कर रहा
उसने भी जोर का
ठहाका लगाया
मास्टरजी को क्रोध
आया
आया
कोई और मज़ाक
बनाए
बनाए
बर्दाश्त ना हुआ
बाहर जा कर
उसे चांटा लगाया
वो सिसकियाँ ले कर
रोता रहा
हेड मास्टर का
उधर से गुजरना हुआ
रोने का कारण
बताने का अनुरोध
किया
हेड मास्टर का
उधर से गुजरना हुआ
रोने का कारण
बताने का अनुरोध
किया
गूंगा बहरा है,
इशारे से समझाया
इशारे से समझाया
ना सुन सकता,
ना बोल सकता
ना बोल सकता
सब हँसे इसलिए हँस
दिया
इश्वर ने क्यूं
अत्याचार किया
अत्याचार किया
निरंतर उसे गलत
समझा जाता
बार बार जलील
होना पड़ता
व्यथा उसकी कोई
व्यथा उसकी कोई
ना समझता
05-02-2011
No comments:
Post a Comment