Tuesday, February 8, 2011

निरंतर" बना रहे मंज़र मिलन का,दुआ खुदा से कर रहे


204--02-11


ना वो बोल रहे
ना मैं बोल रहा
दोनों एक दूजे को
देख रहे
ना उन्हें यकीन
ना मुझे यकीन
दोनों सोच रहे
गैर मुमकिन को
मुमकिन होते
देख रहे
"निरंतर" बना रहे
मंज़र मिलन का
दुआ खुदा से
कर रहे
04-02-2011


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