हँसो या रोओ
ज़िन्दगी निरंतर
चलती रहती है
किसी को
मोहलत नहीं देती
साथी
पीछे छूटते जाते
नए साथी मिलते
जाते
हसीन लम्हे
आँखों से
फिसलते जाते
दुखों के पहाड़
आते रहते
ज़िन्दगी चैन से
रहने ना देती
निरंतर नए जलवे
दिखाती
उम्मीद फिर भी
बनी रहती
ज़िन्दगी यूँ ही
चलती रहती
10-09-2011
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