Tuesday, September 27, 2011

हमने सही है तकलीफें दिल के खातिर कई

हमने सही है
तकलीफें
दिल के खातिर कई
खामोशी में
बिताए दिन कई
ग़मज़दा
लगी चांदनी रातें
रो रो कर काटी
रातें कई
लुटी हैं हसरतें
बार बार
ना बना हमसफ़र
अब तक कोई
फाड़ दिए ख़त
बार बार कई
निरंतर बेवफायी
 अब आदत हो गयी
27-09-2011
1572-1403-,09-11

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