Sunday, September 11, 2011

उनसे अपनत्व का आभास हुआ

नीरस जीवन को
सुखद अवसर प्राप्त हुआ
उनसे अपनत्व का
आभास हुआ
स्नेह से दो शब्द कहे
ह्रदय से आशीर्वाद दिया
मन से वो प्रसन्न हुए
कोटि कोटि धन्यवाद दिया
मुझे नया विश्वास मिला
मन के परिवार में
एक साथी जुड़ गया
जीवन में नयी आशा का
संचार हुआ
मन में प्रश्न खडा हुआ
मुझे झकझोर दिया
क्यों ना बड़े छोटों को
आशीर्वाद प्रदान करें
छोटे बड़ों का सम्मान करें
रिश्तों को प्रघाड करें
उत्कृष्ट व्यवहार और
अपनों सा  प्यार करें
वैमनस्य को दूर करें
सब मिल कर हँसते रहें
परमात्मा के सपने को
साकार करें
11-09-2011
1483-55-09-11

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