Friday, September 16, 2011

कल रात उनसे गुफ्तगू हो गयी

ना जान पहचान थी
ना मुलाक़ात थी
फिर भी कल रात
उनसे गुफ्तगू हो गयी
ज़िन्दगी में
नयी शुरुआत हुयी
उनका अचानक
मिलना
नियामत हो गयी
हँस, हँस कर
उनसे बात हुयी
कुछ मन की
कुछ दिल की
सांझा हुयी
निरंतर ठहरी हुयी
ज़िन्दगी में हलचल
हुयी
दिल को खुशी
मन को तृप्ति हुयी
कल रात उनसे
   गुफ्तगू हो गयी  
16-09-2011
1513-84-09-11

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