सूर्य धरती को
चकाचोंध करता
ऊर्जा से जीवों को
ऊर्जा से जीवों को
जीवित रखता
अस्त होने पर
अस्त होने पर
अस्तित्व का प्रतीक
भी नहीं छोड़ता
सूर्य का प्रताप सदैव
याद रहता
निरंतर उसे पूजा जाता
क्यों मनुष्य
क्यों मनुष्य
सूर्य से नहीं सीखता ?
नाम की चाहत में जीता
किसी तरह
किसी तरह
उसकी म्रत्यु के बाद
लोग उसे याद करते रहे
उसे पूजते रहे
निरंतर मनोइच्छा की
उसे पूजते रहे
निरंतर मनोइच्छा की
उथल पुथल में
भूल जाता
मनुष्य कर्मों से
मनुष्य कर्मों से
जाना जाता
कर्मों से विमुख को
कर्मों से विमुख को
कोई याद नहीं करता
13-09-2011
1501-73-09-11
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