Wednesday, September 14, 2011

मनुष्य कर्मों से जाना जाता

 सूर्य धरती को
चकाचोंध करता
ऊर्जा से जीवों को
जीवित रखता
अस्त होने पर
अस्तित्व का प्रतीक
भी नहीं छोड़ता
सूर्य का प्रताप सदैव
याद रहता
निरंतर उसे पूजा जाता
क्यों मनुष्य
सूर्य से नहीं सीखता ?
निरंतर नाम के लिए जीता
मन में इच्छाएँ संजोता
येन केन प्रकारेण
नाम की चाहत में जीता
किसी तरह
उसकी म्रत्यु के बाद
लोग उसे याद करते रहे
उसे पूजते रहे
निरंतर मनोइच्छा की
उथल पुथल में
भूल जाता
मनुष्य कर्मों से
जाना जाता
कर्मों से विमुख को
कोई याद नहीं करता
13-09-2011
1501-73-09-11

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