अब आप रहते
बहुत व्यस्त
हमारे लिए
कहा हैं वक़्त
हमें फुरसत ही
फुरसत
कभी हम भी
होते थे व्यस्त
इर्द गिर्द लोगों से
घिरे होते थे
वक़्त की मेहरबानी
आज बिलकुल
ठाले हैं
खुदा पर यकीन
हमको
कभी हम होंगे
फिर से व्यस्त
बहुत व्यस्त
हमारे लिए
कहा हैं वक़्त
हमें फुरसत ही
फुरसत
कभी हम भी
होते थे व्यस्त
इर्द गिर्द लोगों से
घिरे होते थे
वक़्त की मेहरबानी
आज बिलकुल
ठाले हैं
खुदा पर यकीन
हमको
कभी हम होंगे
फिर से व्यस्त
और आप ठाले
पर आपको ठाले
ना बैठने देंगे
मुश्किलों में
निरंतर साथ देंगे
नफरत का जवाब
मोहब्बत से देंगे
पर आपको ठाले
ना बैठने देंगे
मुश्किलों में
निरंतर साथ देंगे
नफरत का जवाब
मोहब्बत से देंगे
22-09-2011
1543-114-09-11
1 comment:
दो पंक्तियाँ याद आ रही है-
"शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम
तूफाँ से कोई कह दे,औकात में रहे"
नफरत का जवाब
मोहब्बत से देंगे....
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