बहुत आसानी से
कह दिया
समय नहीं मिला
बहुत कठिन होता
कहना
करने की इच्छा नहीं
ह्रदय को भाया नहीं
मन निश्चित ना
कर सका
निरंतर वो सब
करता रहा
जो मन को भाता रहा
अनावश्यक कार्यों में
लिप्त होता रहा
समय व्यर्थ करता रहा
सदा झूठ बोलता रहा
स्वयं को
खुश करता रहा
झूठ से बच सकता था
फिर भी
सदा कहता रहा
समय नहीं मिला
29-09-2011
1582-153-,09-11
No comments:
Post a Comment