Sunday, September 11, 2011

जीने के लिए ज़िन्दगी में दर्द भी चाहिए

ज़िन्दगी में दर्द भी 
चाहिए
मर मर कर भी जीना
चाहिए
लाख उम्मीदें टूटें
उम्मीद
फिर भी रखनी चाहिए
ग़मों को सहना सीखना
चाहिए
अश्क कई बार बहेंगे
हर बार पोंछ कर
आगे बढना चाहिए
हार भी होनी चाहिए
रोना हो तो
अकेले में रोना चाहिए 
दिखाने को निरंतर हँसना
चाहिए
जो भी प्यार से गले मिले
गले लगाना चाहिए
दुश्मन को भी दोस्त
समझना चाहिए
जीने के लिए
ज़िन्दगी में दर्द  भी
चाहिए
11-09-2011
1486-58-09-11

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