Tuesday, September 13, 2011

ऐ दोस्त ........... इससे ज्यादा निरंतर कुछ कह ना सकेगा

तेरे दोस्ती पर हमेशा
नाज़ रहेगा
तेरे साथ गुजारा वक़्त
कभी ना भूलेगा
तुझे याद रहे ना रहे 
मुझे निरंतर याद रहेगा
तुझ पर यकीन बरकरार
रहेगा
तेरा कहा एक एक लफ्ज़
जहन में रहेगा 
तेरी मोहब्बत का अहसास 
दिल में बसा रहेगा
तेरी रुसवाई से अश्कों का
बहना नहीं रुकेगा
अब मुस्कराना मुमकिन
ना होगा
तेरे बगैर जीना
मौत से गले लगाना होगा
मेरे हमनशीं तेरी दोस्ती पर
हमेशा गुमाँ रहेगा
मरने के बाद भी दिल तुझे
याद करता रहेगा
ऐ दोस्त ...........
इससे ज्यादा निरंतर 
कुछ नहीं कह
सकेगा
11-09-2011
1487-59-09-11

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