आँख खुलते ही
चेहरा उनका दिखा
सुबह को
खुशगवार बना दिया
रोते हुए को हँसा दिया
चेहरा दिखा कर फिर
छिपा लिया
ना मालूम किस
बात से खफा हो गए
उनके अंदाज़ ने
निरंतर इंतज़ार को
ज़िन्दगी का हिस्सा
बना दिया
गर्मी-ए-हसरत ने
चाहने वालों के
दिलों को जला
दिया
दिया
21-09-2011
1534-105-09-11
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