Tuesday, September 13, 2011

आस अभी बाकी है

दिल दर्द से भरा
जहन
निरंतर फ़िक्र से अटा
कुछ हसरतें फिर भी
बाकी है
खिजा को बहारों की
उम्मीद अभी बाकी है
काँटों से
दोस्ती बहुत कर ली   
फूलों से
दोस्ती की तमन्ना
अभी बाकी है
अंजाम की फ़िक्र नहीं 
खोने को कुछ बचा नहीं
दिल की आग अभी
बुझी नहीं
ज़िन्दगी के जुए में
एक दाँव अभी बाकी है
कश्ती को साहिल की
आस अभी बाकी है
13-09-2011
1497-69-09-11

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