दिल दर्द से भरा
जहन
निरंतर फ़िक्र से अटा
कुछ हसरतें फिर भी
बाकी है
खिजा को बहारों की
उम्मीद अभी बाकी है
काँटों से
दोस्ती बहुत कर ली
फूलों से
दोस्ती की तमन्ना
अभी बाकी है
अंजाम की फ़िक्र नहीं
खोने को कुछ बचा नहीं
दिल की आग अभी
बुझी नहीं
ज़िन्दगी के जुए में
एक दाँव अभी बाकी है
कश्ती को साहिल की
आस अभी बाकी है
13-09-2011
1497-69-09-11
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