Monday, September 26, 2011

पुत्र मोह

२० वर्ष के
बेटे ने उस पर
गालियों की
बारिश कर दी
ऊपर से नीचे तक
अपमान से नहला दिया
आँखों के आँसूं सूख
चुके थे
अब वो चुपचाप
कमरे के कोने में
आँख बंद कर
निरंतर परमात्मा से
प्रार्थना कर रहा था
उसके ह्रदय व मष्तिष्क
को पत्थर सा निर्जीव
बना दे
किसी की कोई बात 
समझ ना सकें 
कोई शब्द उसे  व्यथित
ना कर सके
कानों में सीसा भर दे
कोई क्या कह रहा है
उसे सुनायी ना दे
पर उसके बेटे को सुख
सम्रद्धि देना
उसका जीवन सफल
बनाना
अपमान का घूँट
पी कर भी वो पुत्र मोह
ना छोड़ सका
अपमान के बाद भी
बेटे की बराबरी नहीं
कर सका
26-09-2011
1560-131-09-11

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