Thursday, September 22, 2011

तमन्ना जो भी की हमने

तमन्ना जो भी की हमने
वो नहीं मिला हमें
जो भी मिला तमन्ना से
कम नहीं मिला हमें
जिन्हें चाहा था साथ
ज़िन्दगी भर निभाएं हमारा
छोड़ गए वक़्त से पहले हमें
गिला इसका तो ज़रूर हमें  
पर जो भी बिन मांगे मिला
उसने भी रखा खुश हमें
ख्वाईशें निरंतर बढ़ रहीं
पूरी ना होंगी ,है पता हमें
जो मिलेगा होगा मंज़ूर हमें
जाना होगा दुनिया से जब  
ना होगा गम ना खुशी हमें
मान कर फैसला खुदा का
चुपचाप चले जायेंगे हम
इल्तजा कर के जायेंगे
कोई याद ना रखे हमें
22-09-2011
1544-115-09-11

1 comment:

induravisinghj said...

जो भी मिला तमन्ना से
कम नहीं मिला हमें...

बहुत ही सशक्त पक्तिंयाँ हैं। निराशा के साथ ही आशा का रूप अच्छा लगा।