Friday, September 9, 2011

वो होश में नहीं मैं कैसे होश में रहूँ

मैं कैसे होश में रहूँ
वो गम में डूबे हुए
मैं खुशी कैसे मनाऊँ
वो अश्क बहा रहे
मैं कैसे मुस्कुराऊँ
वो नासाज़
मैं कैसे खुद को
ठीक समझूं
वो बेबस खामोश
मैं कैसे कोई गीत
सुनाऊँ
वो थके मांदे  बैठे
मैं कैसे
निरंतर चलता रहूँ
09-09-2011
1472-44--09-11

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