Thursday, September 29, 2011

कुछ और चाहिए

भाग्यवान हूँ
इश्वर बहुत कृपालु
मुझ पर
ढेर सारे  मित्र मेरे
साथ हँसते साथ गाते
सुख दुःख में साथ
निभाते
एक आवाज़ पर दौड़े
चले आते
फिर भी कुछ खालीपन
लगता
निरंतर मन मष्तिष्क को
उद्वेलित करता
कानों में सदा
अधूरेपन का स्वर
गूंजता
ह्रदय में सूनापन
अखरता
कुछ और चाहिए
मुझको ?
ढूंढ रहा हूँ उसको
जो सत्य से अवगत
करा दे
कुंठाओं को विराम दे दे
मन को चैन ,
      ह्रदय को तृप्ति दे दे       
29-09-2011
1585-156-,09-11

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