भाग्यवान हूँ
इश्वर बहुत कृपालु
मुझ पर
ढेर सारे मित्र मेरे
साथ हँसते साथ गाते
सुख दुःख में साथ
निभाते
एक आवाज़ पर दौड़े
चले आते
फिर भी कुछ खालीपन
लगता
निरंतर मन मष्तिष्क को
उद्वेलित करता
कानों में सदा
अधूरेपन का स्वर
गूंजता
ह्रदय में सूनापन
अखरता
कुछ और चाहिए
मुझको ?
ढूंढ रहा हूँ उसको
जो सत्य से अवगत
करा दे
कुंठाओं को विराम दे दे
मन को चैन ,
ह्रदय को तृप्ति दे दे
29-09-2011
1585-156-,09-11
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