Tuesday, February 8, 2011

मैं अब हैरान नहीं होता,हर खबर सहजता से लेता


200--02-11

मैं अब
हैरान नहीं होता
हर खबर सहजता
से लेता
कत्ल की ख़बरों से डर
नहीं लगता
घोटाले के समाचारों से
आश्चर्य नहीं होता
दुर्घटनाएं व्यथित नहीं
करती
सिर्फ समाचार पत्रों
टी वी चैनलों से
घबराता हूँ
वही पढ़ना पडेगा
वही देखना पडेगा
उस से व्यथित होता हूँ
"निरंतर"कमाई के लिए
चटखारे ले कर ख़बरों को
पढने,सुनने से सहमता हूँ
अब सुकून से रहना
चाहता हूँ
बिना ख़बरों के जीना
चाहता हूँ
04-02-2011

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