178--02-11
कोई तो मिलेगा जो अफ़साने मेरे
जानता नहीं
किस्से मेरे उसने सुने नहीं
क्या हुआ मेरे साथ उसे पता नहीं
मोहब्बत कभी उसने करी नहीं
जब उसे बताऊंगा,
बात दिल की सुनाऊंगा
सिला मोहब्बत का समझाऊंगा
हमदर्दी उस से पाऊंगा
वादा उस से करवाऊंगा
मोहब्बत कभी करूंगा नहीं
उस से कहलवाऊंगा
निरंतर धोखा मैंने खाया
कम से कम उसे तो धोखे से
बचाऊंगा
01-02-2011
179--02-11
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