189--02-11
मुझे मालूम है
दुनिया से जाने के बाद
कोई लौटता नहीं
तुम भी लौटोगे नहीं
फिर भी निरंतर ढूंढता हूँ
ख्वाब तुम्हारे देखता हूँ
जो अब तक ना हुआ
वो हो जाए
मुलाक़ात तुम से
हो जाए
बसेरा किस दुनिया में
बसाया
पता उस का चल
जाए
मुझे भी इक दिन
जाना है
बसेरा वहीँ बनाना है
ज़मीं के वादों को
वहाँ भी निभाना है
इंतज़ार मेरा करना
दुआ खुदा से करना
जल्द बुला ले
मुझे
तुम से मिला दे
मुझे
03-02-2011
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