जो नज़दीक
वो दिल से दूर उससे
जो दूर उससे से
निरंतर
दिल के पास उसके
हालात की मजबूरी थी
इक तरफ दूरियां
बढ़ती गयी
दूसरी तरफ कम
होती गयी
दूरियां फिर भी
बनी रही
गर्दिश कम ना हुयी
तमन्ना अधूरी रही
मौन हो कर जीने को
मजबूर करती रही
05-09-2011
1454-26-09-11
1454-26-09-11
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