Friday, September 2, 2011

बहुत देर हो चुकी होगी जब मौसम बदलेगा

हो चुकी होगी
जब मौसम बदलेगा
गुलशन फिर से
महकेगा
ज़ख्म भरने लगेंगे
चेहरे हंसने लगेंगे
गिले शिकवे दूर होंगे 
अपने पराये एक होंगे
निरंतर नफरत के बादल
छट चुके होंगे
भाई भाई की जान
ले चुके होंगे
सब खुदा को प्यारे
हो चुकेंगे
ऊपर से देख कर
पछता रहे होंगे
जब तक दिलों की
आग ठंडी होगी
बहुत देर हो चुकी होगी
जब मौसम बदलेगा
02-09-2011
1432-07-09-11

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