हो चुकी होगी
जब मौसम बदलेगा
गुलशन फिर से
महकेगा
ज़ख्म भरने लगेंगे
चेहरे हंसने लगेंगे
गिले शिकवे दूर होंगे
अपने पराये एक होंगे
निरंतर नफरत के बादल
छट चुके होंगे
भाई भाई की जान
ले चुके होंगे
सब खुदा को प्यारे
हो चुकेंगे
ऊपर से देख कर
पछता रहे होंगे
जब तक दिलों की
आग ठंडी होगी
बहुत देर हो चुकी होगी
जब मौसम बदलेगा
02-09-2011
1432-07-09-11
1432-07-09-11
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