केसरिया
रंग के फूलों से लदा
जंगल में
आग का आभास देता
हरे पेड़ों के बीच
जंगल का राजा
दिखता
माली, ना उसके
फूलों को तोड़ता
ना मंदिर में कोई
चढ़ाता
पलाश अपने में मस्त
उसे नहीं
दुःख इस बात का
हर्षोल्लास
से जीता रहता
केसरिया रंग फूलों का
जिस पर भी चढ़ता
आसानी से नहीं उतरता
निरंतर छाप अपनी
छोड़ता
सन्देश दुनिया को देता
जहां भी रहो
पहचान अपनी बनाओ
कर्मों से जाने जाओ
08-09-2011
1465-37-09-11
1465-37-09-11
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