पुराने यार
याद आ गए
यादों के घोंसले
फिर से बस गए
हंसी ठहाके जहन में
गूँज गए
कानों में लफ्ज़
सुनायी पड़ने लगे
दिल में राहत के
बादल बरसने लगे
टूटे हुए धागे फिर
जुड़ने लगे
निरंतर रोते ख्याल
मुस्कराने लगे
खुशनुमा दिन वापस
आने लगे
जो ज़िंदा नहीं अब
लौटने लगे
02-09-2011
1437-12-09-11
1437-12-09-11
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