Thursday, September 8, 2011

हास्य कविता-गधी,घोडी बराबर हो गयी -हास्य व्यंग्य

नाम में क्या रखा है
काम कुछ भी करो
नाम कैसा भी रख लो
आज कल यही हो रहा है
दिग्विजय
हारे हुए सा आचरण
कर रहा
बेसिर पैर की बातें
कर रहा
मनमोहन ने मोहना बंद
कर दिया
देश को दुखी कर दिया
मनीष बुद्धीहीनता का
परिचय देता
जुबान से बिना सोचे समझे
बोलता
किरण भ्रष्टाचार के अँधेरे से
लड़ रही
विशेषाधिकार की वेदी
पर चढ़ गयी
सांसदों को उससे चिढ
हो गयी
अरविन्द काँटों से भिड रहा
हर दांव का जवाब दे रहा
शातिरों को धूल चटा  रहा
कपिल का चेहरा उजगार
हो गया
पीले,भूरे की जगह काला
हो गया
अब परदे के पीछे से वार
कर रहा
प्रतिभा की प्रतिभा नज़र
नहीं आती
आकाओं से बिना पूछे दो
शब्द नहीं कहती
अन्ना बड़े भाई से पिता
हो गए
नटखट बच्चों को सबक
दे रहे
राहुल बुद्ध को व्यथित
कर रहा
औरों का लिखा भाषण
पढ़ रहा
कुटिल सलाहकारों से
घिर गया
ममता कठोर आचरण
कर रही
मार्क्सवादियों को दुखी
कर रही
राजा जेल में बंद है
२ जी उसकी ख़ास पसंद है
मायावती माया बर्बाद
कर रही
हवाई जहाज से सैंडल
मंगा रही
ललिता डी ऍम के को 
डायन सी दिख  रही
करुना पर करुना नहीं
दिखा रही
नरेन्द्र राजकुमार से 
राजा हो गया
दिन रात कांग्रेस की
नींद हराम कर रहा
अमर सिंह की अमर वाणी
खामोश हो गयी
आजकल फुसफुसाहट भी
सुनायी नहीं दे रही
सुरेश पैसा पैसा खेल रहा था
ज्यादा सम्हाल नहीं पाया
अब जेल में खेल करा रहा
सोनिया बीमार क्या हुयी
कांग्रेस जैसे अनाथ हो गयी
छुटभैयों को छूट मिल गयी
चिदंबरम खुद को शिव
समझ रहा
सी बी आई पुलिस से
तांडव करवा रहा
खाली पीली
हाथ पैर मार रहा
प्रणव ॐ से कांग्रेस का
संकट मोचक हो गया
गलतियों को
सुधारते सुधारते थक गया
ठण्ड पड़े या गर्मी
शरद  
क्रिकेट खेलने में मग्न
प्रफुल्ल
कैग रिपोर्ट से पस्त
एयर
इंडिया के घपले से त्रस्त
लाल कृष्ण अपनों से
परेशान
यदुरप्पा,रेड्डी भाजपा के
कोढ़ में खाज
सुषमा राज घाट पर
कुरूप नाच दिखाती
कविता कहानी लिख रही
शशी उजाला फैला रही
लता बिना
सहारे के चढ़ रही
आम के पेड़ में नीम की
निम्बोली लग रही
नामों की दुर्गती हो गयी
गधी,घोडी कहलाने लगी
08-09-2011
1468-40--09-11
(हास्य व्यंग्य रचना है ,दिल से ना लगायें ,किसी व्यक्ति विशेष के बारे में दुष्प्रचार या गरिमा को ठेस पहुचाने का उद्देश्य नहीं है,फिर भी भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ जिन्हें बुरा लगे उनसे हाथ जोड़ कर माफी,जिन्हें अच्छा लगे उन्हें धन्यवाद  ) 
कपिल= पीलापन लिए भूरा
दिग्विजय=विश्व विजेता
चिदंबरम=शिव का घर
नरेंद्र=राज कुमार
किरण= रोशनी
अन्ना =बड़ा भाई
शरद=सर्दी
अरविन्द=कमल
प्रफुल्ल=उल्लास से पूर्ण,खुश
शशि=रात
ललिता=सुन्दर
ममता=स्नेह
प्रतिभा =गुण
प्रणव=ॐ ,ओम
राहुल=बुद्ध के पुत्र का नाम,निपुण
मनीष =बुद्धीजीवी
सुषमा=सुन्दर

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