Tuesday, February 14, 2012

वैलनटाइन डे क्या ख़ाक मनाएंगे

मेरे मित्रों ने पूछा
मुझसे
भाई निरंतर
वैलनटाइन डे कैसे
मनाओगे?
क्या भाभीजी को
बगीचे में घुमाओगे
नदी किनारे
ठंडी हवा खिलाओगे
या बाहों में बाहें डाल
गाना गाओगे
मैं बोला
अरे मूर्खों हम पहले ही
एक दूजे में खोये हुए हैं
हमारे दिल से
दिल मिले हुए हैं
वैलनटाइन डे
क्या ख़ाक मनाएंगे
वैलनटाइन डे
तो वो मनाते हैं
जो प्रेम के भूखे हैं
जिनके दिल आपस में
नहीं मिलते
शायद इसी बहाने
मिल जाएँ
वैलनटाइन डे उन्हें
हमेशा याद आये
14-02-2012
167-78-02-12

1 comment:

Dr.Neha Nyati said...

very nice poem......for everyone....
especially for the youth of today!!!!
you have gone in to the depth of thoughts,this text is really explaining the true meaning of valentines day.....