कभी ये ना समझना
हम तुम्हें याद नहीं करते
ये बात जुदा है
हाल-ऐ-दिल नहीं बताते
हम तुम्हारे सोये हुए
ज़ज्बातों को
जगाना नहीं चाहते
मोहब्बत की
बुझी हुयी आग को
फिर से
भड़काना नहीं चाहते
हम खुद गर्ज़ नहीं
अपनी हसरतों की
चाहत में
किसी की बसी हुयी
दुनिया उजाड़ दें
15-02-2012
173-84-02-12
1 comment:
shaayad pyaar isi ko kahte hain....
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