Wednesday, March 23, 2011

मुझे क्या



कोई सड़क पर कचरा फेंके
मुझे क्या
कोई घूस ले या घूस दे
मुझे क्या
कोई पानी का नल खुला
छोड़ दे,मुझे क्या
कोई बिजली बर्बाद करे 
मुझे क्या
मैं सोता हुआ नागरिक हूँ
मेरा खुद का नुकसान ना हो
तब तक मुझे क्या
सब काम सरकार का
वो कुछ नहीं करती तो
मुझे क्या
मैं निरंतर सोता रहा हूँ
सोता रहूँगा
  जिसे जागना है
कुछ अच्छा करना है,करे
मुझे क्या 
मेरी आत्मा कब जागेगी
देश भक्ती कब जागेगी
तुम्हें क्या
मैं स्वाधीन भारत का
नागरिक हूँ
अब तक सह लिया
और सह लूंगा 
तुम्हें क्या

23-03-03
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
486—156-03-11

No comments: