Monday, March 28, 2011

मैंने उन्हें ख़त लिखा


 मैंने
उन्हें ख़त लिखा
उसे हसरतों से भरा
उम्मीदों का पहाड़
खडा किया
इंतज़ार करता रहा
महीनों
जवाब ना आया
साल भर बाद
उनका ख़त आया
मन में आशाएँ लाया
ख़त को खोला
उसे पढ़ा,लिखा था
आपका ख़त मिला
सब मालूम हुआ
आज समय कम है
पति अस्वस्थ हैं
फ़ालतू वक़्त में
जवाब दूंगी
जब तक निरंतर
इंतज़ार करते रहे
उम्मीद में जीते
रहे
28-03-03
529—199-03-11

No comments: