कब कहा
मुझे,उन्हें हमसफ़र
बनाना
ये भी तो ना कहा
कभी उन्हें ख़्वाबों में
ना देखना
कभी ख्यालों में ना
रखना
ख्वाब, ख्याल तो
घर मेरा
कोई आए तो
उसे क्यूं रोकना
दिल लग जाए,
तो उसे क्यूं टोकना ?
निरंतर दिल किस के
काबू में रहा
जिसका हो गया,
उसका हो गया
किसी के रोकने से
कब रुका
एक बार मचल गया तो
मचलता रहता
24-03-03
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर4
495—165-03-11
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