कौन है,
जिसने ख्वाब नहीं देखे ?
जिसने ख्वाब नहीं देखे ?
कुछ पूरे हुए,कुछ अधूरे रहे
फिर क्यों इंसान
निरंतर रोता रहता
निरंतर रोता रहता
जो बीत गया
उसमें खोता रहता
उसमें खोता रहता
भविष्य की चिंता में
घुलता रहता
घुलता रहता
वर्तमान में दुखी रहता
जो मिला अब तक जानो उसे
धन्यवाद इश्वर को दो
बेहतर की उम्मीद करो
बोझ ना उसका मन में रखो
मिले ना मिले,
मर्जी खुदा की समझो
मर्जी खुदा की समझो
ना मारो खुद को पल पल
हर पल जिया करो
सन्देश दुनिया को भी
दिया करो
दिया करो
25-03-03
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
504—174-03-11
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