Tuesday, March 29, 2011

बेचैन दिल बेचैन रहते


नैनों को
नैन नज़र आये
पहली नज़र में भाये
नैन से नैन मिले
तीर नैनों के चले
खुशी से नैन चमके
खबर दिलों को हुयी
हिलोरें उन में उठी
हलचल उनकी बढ़ी
बेचैनी में बदली
मिलन इच्छा जगी
निरंतर मुलाक़ात
होने लगी
दिल की बातें होने
लगी
चाहत बढ़ने लगी
नींद उड़ने लगी
वादे होने लगे,
कसमें खाने लगे
मंजिल तक
पहुँचने से पहले ही
जुदा हुए
अब तोहमतें लगाते
एक दूजे का दोष
बताते
नैन फिर नैन
ढूंढते
बेचैन दिल बेचैन
रहते

 
29-03-03
540—210-03-11

   

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