Saturday, March 26, 2011

ना दे सका तुम्हें अहसास मेरा अब तक


ना दे सका तुम्हें  
अहसास मेराअब तक
अफ़सोस मुझे उसका
दिल में जो है मेरे
किसी
तरह समझा ना सका
हर कोशिश
नाकामयाब रही अब तक
ना निराश हूँ ना हताश हूँ
आदत हो गयी
नाकामयाबी सहने की
जज्बा
ख़त्म ना हुआ अब तक
कोशिश
निरंतर जारी रहेगी
कामयाबी
ना मिलेगी जब तक
26-03-03
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
514—184-03-11

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