Tuesday, March 29, 2011

लालच

 फाख्ता का जोड़ा
भूखा,प्यासा जंगल में
पेड़ पर बैठा था
सुबह से खाने पीने को
कुछ ना मिला
निराशा में डूबा था
तभी ज़मीन पर पड़े
मक्का के दानों पर
नज़र नर की पडी
उसने मादा को खबर
सुनायी
मादा ने सोचा,
फिर नर से कहा
दाल में काला है
जंगल में मक्का के दाने
कहाँ से आयेंगे?
निरंतर बहेलिये लालच
दे कर
पंछियों को फंसाते
नर ने बात नहीं मानी
उड़ कर सीधा दानों के
पास पहुंचा
अपने को जाल में
फसा पाया
अब पछता रहा था
लालच का फल
भुगत रहा था
29-03-03
542—212-03-11

No comments: