सब चाहते
कोई उनसे पूछे
कहाँ हो? कैसे हो ?
खुश हो ? ,नाखुश हो ?
क्या अच्छा लगता?
क्या बुरा लगता?
क्या चाहते हो ?
कोई नहीं सोचता
कोई और कैसे है?
क्या चाहता है?
अपने में सिमटे
खुद की सोचते
निरंतर खुद में खोये
स्वार्थ में जी रहे
खुद से दूर जा रहे ...
29-03-03
546—216-03-11
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